इस्लाम ने सपनों के बारे में कुछ विशेष आदाब (शिष्टाचार) और नियम बताए हैं। ये नियम सपनों को सही तरीके से समझने और उनके सकारात्मक या नकारात्मक प्रभावों से बचने में मदद करते हैं। नीचे सामान्य, अच्छे और बुरे सपनों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
सपनों के बारे में सामान्य आदाब
1. झूठा सपना कभी न बताएं क्योंकि यह पाप है।
2. सपना केवल किसी आलिम (धार्मिक विद्वान) या शुभचिंतक के सामने ही बयान करें।
3. सपने की ताबीर (व्याख्या) में जल्दबाज़ी न करें।
4. ताबीर देने वाले को ताबीर देने से पहले यह दुआ पढ़नी चाहिए: .خَيْرٌ تَلَقَّاهُ، وَشَرٌّ تَوَقَّاهُ، وَخَيْرٌ لَنَا، وَشَرٌّ لِأَعْدَائِنَا، وَالْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ
5. जिसने नबी करीम ﷺ को सपने में देखा, उसने वास्तव में आप ﷺ को ही देखा, क्योंकि शैतान आपकी सूरत धारण नहीं कर सकता।
अच्छे सपनों के आदाब
1. अच्छे सपने पर अल्लाह तआला की प्रशंसा करें।
2. खुश हों और इसे अपने लिए शुभ संकेत मानें।
3. अच्छा सपना केवल अपने किसी शुभचिंतक या करीबी व्यक्ति के साथ साझा करें।
4. सपने की हमेशा अच्छी व्याख्या करें ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़े।
बुरे सपनों के आदाब
1. बाईं ओर तीन बार थूकने जैसा करें।
2. أَعُوذُ بِاللَّهِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ.तीन बार पढ़ें।
3. करवट बदल लें ताकि बुरे सपने का असर खत्म हो जाए।
4. अल्लाह से उस सपने की भलाई की दुआ करें और उसकी बुराई से पनाह मांगे।
5. दो रकअत नफ्ल नमाज़ अदा करें ताकि दिल को सुकून मिले और शैतान के असर से बचा जा सके।
6. बुरा सपना किसी को न बताएं, क्योंकि ऐसा करने से इसका प्रभाव बढ़ सकता है।
सपने हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं। उनके बारे में इस्लामी शिक्षाओं पर अमल करने से न केवल हमारा विश्वास मजबूत होता है, बल्कि मन को शांति और मार्गदर्शन भी मिलता है।
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