इस्लाम ने जीवन के हर पहलू में मनुष्य को मार्गदर्शन दिया है। सुबह की शुरुआत का तरीका न केवल हमारे दिन को बेहतर बनाता है बल्कि इसे बरकत और सुकून से भर देता है। सो कर उठने के बाद के आदाब भी हमारे दिन की अच्छी शुरुआत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। आइए इन आदाबों को विस्तार से समझें।
1. जल्दी से जागना
सुबह जल्दी उठना न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह दिनभर के कामों को व्यवस्थित और कुशलता से पूरा करने का साधन भी है।
2. नींद का खुमार दूर करने के लिए आंखें मलना
नींद के बाद शरीर को सक्रिय करने के लिए आंखें मलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह नबी करीम ﷺ की सुन्नत भी है और यह शरीर को तरोताजा करता है।
3. अल्लाह की नेमत पर शुक्र अदा करते हुए दुआएं पढ़ना
नींद से जागने पर अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए क्योंकि नींद भी अल्लाह की एक बड़ी नेमत है। जागने के बाद यह दुआ पढ़ना सुन्नत है:
١ . الحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا، وَإِلَيْهِ النُّشُورُ.
٢. الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي عَافَانِي فِي جَسَدِي، وَرَدَّ عَلَيَّ رُوحِي، وَأَذِنَ لي بِذِكْرِهِ .
٣. لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ، لَهُ الْمُلْكُ، وَلَهُ الْحَمْدُ، وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ، سُبْحَانَ اللَّهِ، وَالْحَمْدُ لِلَّهِ، وَلَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ، وَاللَّهُ أَكْبَرُ، وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيمِ، رَبِّ اغْفِرْ لِي .
٤. لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّه وَحْدَهُ، لَا شَرِيكَ لَهُ، لَهُ الْمُلْكُ، وَلَهُ الْحَمْدُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ، سُبْحَانَ اللَّهِ، وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَاللَّهُ أَكْبَرُ، وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ.
٥. لَا إِلَهَ إِلَّا أَنْتَ، سُبْحَانَكَ، اللَّهُمَّ أَسْتَغْفِرُكَ لِذَنْبِي، وَأَسْأَلُكَ رَحْمَتَكَ، اللَّهُمَّ زِدْنِي عِلْمًا، وَلَا تُزِغْ قَلْبِي بَعْدَ إِذْ هَدَيْتَنِي، وَهَبْ لِي مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً، إِنَّكَ أَنْتَ الْوَهَّابُ.
4. सूरह आल-इमरान का आखिरी रुकू पढ़ना
सोकर उठने के बाद सूरह आल-इमरान की आखिरी आयतें (आयत नंबर 190-200) पढ़ना सुन्नत है। इन आयतों में अल्लाह की कुदरत और निशानियों पर गौर करने का हुक्म दिया गया है।
5. मिस्वाक करना
सुबह के समय मिस्वाक करना बहुत पसंदीदा अमल है। इससे मुंह की सफाई होती है और यह अल्लाह की रज़ा का कारण बनता है।
6. दोनों हाथों को कुहनियों तक तीन-तीन बार धोना
जागने के बाद दोनों हाथों को तीन बार धोना न केवल सफाई के लिए जरूरी है, बल्कि यह सुस्ती और नींद के असर को भी दूर करता है।
7. वुज़ू करना
दिन की शुरुआत को पाक और ताजा बनाने के लिए वुज़ू करना चाहिए। खासकर वुज़ू करते समय नाक को अच्छी तरह साफ करना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह नबी ﷺ की सुन्नत है।
8. घरवालों को जगाना
खुद जागने के बाद घरवालों को नमाज़ के लिए उठाना बहुत अच्छा अमल है। नबी ﷺ ने इस काम को करने की प्रेरणा दी है ताकि पूरे परिवार को नमाज़ की बरकतों का लाभ मिल सके।
9. नमाज़ अदा करना
दिन की शुरुआत नमाज़ के साथ करना सबसे बेहतरीन अमल है। सुबह की नमाज़ (फज्र की नमाज़) हमारी ईमानदारी और आत्मा को ताजा करती है और दिन को बरकतों से भर देती है।
निष्कर्ष
सो कर उठने के आदाब हमारे जीवन को नबी ﷺ की सुन्नत के अनुसार संवारने का माध्यम हैं। इन आदाबों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से हमें न केवल दुनियावी फायदा मिलेगा बल्कि आख़िरत में भी कामयाबी हासिल होगी। अल्लाह हमें इन पर अमल करने की तौफ़ीक़ दे। आमीन।
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