दर्बार-ए-तौहीद के हक़ूक़ और आदाब
अल्लाह से हमारे रिश्ते को मजबूत और मर्यादित बनाने के लिए कुछ हक़ और आदाब हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। ये हमारे ईमान को मजबूत करते हैं और हमें एक सच्चे मुसलमान बनने की राह पर ले जाते हैं।
1. इबादत सिर्फ अल्लाह की करना: हमें अपनी इबादतें सिर्फ अल्लाह के लिए ही करनी चाहिए और उसके सिवा किसी की इबादत नहीं करनी चाहिए।
2. अल्लाह की ताज़ीम करना: हमें हर वक्त अल्लाह की महानता और इज्जत का ख्याल रखना चाहिए।
3. अल्लाह से डरते रहना: अल्लाह का डर हमें गुनाहों से बचाता है और हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करता है।
4. अल्लाह की इताअत में मशगूल रहना: हमें अल्लाह की आज्ञा का पालन करना चाहिए और उसके हुक्म के मुताबिक़ अपनी ज़िंदगी गुज़ारनी चाहिए। नाफरमानी से बचना चाहिए।
5. अल्लाह के सामने आजिज़ और मोहताज बने रहना: अल्लाह के सामने हमेशा अपनी मजबूरी और जरूरत को जाहिर करें, कि वही सबसे बड़ा मददगार है।
6. सिर्फ अल्लाह पर भरोसा रखना: हर हाल में अल्लाह पर यकीन रखें और मानें कि वही बेहतर फैसला करने वाला है।
7. अल्लाह के साथ अच्छा गुमान रखना: अल्लाह के बारे में हमेशा सकारात्मक सोच रखें, कि वह हमारे लिए बेहतर चाहता है।
8. अल्लाह से हया करना: उन कामों से बचें जो अल्लाह के सामने शर्म का कारण बनते हैं, जैसे कि वो काम जो हम लोगों के सामने शर्म की वजह से नहीं करते।
9. अल्लाह का जिक्र कसरत से करना: अल्लाह का जिक्र दिल को सुकून देता है, इसलिए हमें अल्लाह को ज्यादा से ज्यादा याद करना चाहिए।
10. अल्लाह से मुलाकात की तमन्ना रखना: हमें दिल में अल्लाह से मिलने की ख्वाहिश और जन्नत में उसकी करीबत पाने की चाहत रखनी चाहिए।
11. अल्लाह और रसूल ﷺ की मोहब्बत सबसे ज्यादा होना: हमें अपनी मोहब्बत को अल्लाह और उसके रसूल ﷺ के लिए सबसे ज्यादा रखना चाहिए और यह हर चीज़ से ज्यादा होनी चाहिए।
12. अपने मामलों में शरियत को हाकिम बनाना: हमें अपने तमाम मामलों में शरियत को ही हाकिम मानना चाहिए और अपने फैसले दीन के मुताबिक़ करने चाहिए।
13. दीन-ए-मुहम्मद ﷺ की आसानी का यकीन रखना: इस बात पर यकीन रखें कि इस्लाम का दीन आसान है और इसमें कोई मुश्किल नहीं है, बस हमें ईमानदारी से उस पर अमल करना है।
अल्लाह हमें इन हक़ और आदाब को अपनी जिंदगी में लागू करने की तौफ़ीक़ दे और हमें अपना करीबी बना ले। आमीन।
Assalamu alaikum v v v
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